#::::प्यार कि कहानी::::#*****
#::::प्यार कि कहानी::::#*****
दिल तोड़ा उसने लेकिन,
यार वो जालिम तो नहीं।
लिखता हूँ मैं अपने "प्यार कि कहानी",
लेकिन मैं शायर गालीब तो नहीं।।
वो तो है सबसे सुन्दर, सबसे अच्छी,
दिल से भोली लेकिन अक्ल कि थोड़ी कच्ची।
खुद को कहे वो "मैं हूँ गन्दी ",
होगी कोई दुनिया में उसके जैसी दिल से सच्ची।।
वो जैसी भी है वो मेरे लिए अच्छी है,
हाँ अक्ल से थोड़ी कच्ची दिल से तो बहुत सच्ची है।
कुछ ऐसे ही खूबियाँ है मेरे यार कि,
मेरे आखरी और मेरे पहले प्यार कि।।
मेरे पहले प्यार में वो अलग ही बात है,
हो करके दूर वो हरदम मेरे पास है।
वैसे तो बहुत है हमें अपना कहने वाले,
लेकिन उन सभी लोगों में वो सबसे खास है।।
वो कहती हमेशा मेरे से "भूल जाओ मुझे "
मैं कहूं भूल कर भी न भूल पाऊँ तुझे।
वो कहती हमेशा मेरे से "जीना सीखो मेरे बिन",
मैं यही कहता हर बार जीना नामुमकिन है एक पल भी तेरे बिन।।
मेरी जिंदगी से तो वो है बहुत दूर,
लेकिन यारों बस उसकी यादों का सहारा है।
बहती तेज धर वाली नदी में वो,
लग जाये जहाँ मेरी नाव, बस वो ही एक किनारा है।।