प्यार के साथ पहली होली
प्यार के साथ पहली होली
पहली होली ,प्रियतम के साथ।
हर सुखो के संग चलते, ले हाथों में हाथ।
वह शरमाना, वह झुक जाना, पास आने की ललक।
हर पल हर घडी ख्यालो मे रहे वह एक।
सुबह होती, शाम घिर आती, पिया क्यो रूके बाहर।
यही हाल साजन के रहते, दौडे भागे आये द्वार।
सबके सब भी इन्हें चिढाते, जानकर रखते दूर।
फिर भी दोनो छुपकर मिल लेते, रंग मे गुलजार।
काश आ जाए ये हसीन प्यारे वे दिन।
जिसमे सबके सामने भी दिल धड़कने बैचेन।
और आस एक ही रहती, छु ले प्रियतम क़ो नार।
मन.के अंदर उमड घुमड कर घुमता रहता प्यार।
और.होली के दिन यूं भी बहुत सुंदर संसार।
मिलन होता, दूर भी रहते, छूपे चहरे से हजार।
वाह पहली होली की याद.बनी बेमिसाल।