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Dr.Purnima Rai

Romance Fantasy

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Dr.Purnima Rai

Romance Fantasy

प्यार कभी मिटता नहीं है...

प्यार कभी मिटता नहीं है...

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सूर्य भी उगा नहीं था

चांद भी छिपा नहीं था

सितारे भी जगमगा रहे थे आसमान में

प्यार कभी मिटता नहीं है इस जहान में !!


हम हंसते हैं तो सब हंसते है

कभी मत करना ऐसा गुमा

यूँ ही नहीं उठ रही है लपटें

कहीं तो दिल हुआ है धुआं-धुआं !!


हवा की मस्तियाँ लुभाने लगी

ख्वाब फिर नये सजाने लगी

महका यह आलम तेरे आने से

रूह को मिला सकूं तुम्हें पाने से!!


आंखों की शरारत रास आ गई

मुहब्बत में इबादत समा गई

बेचैन लम्हों सुन लो जरा तुम भी

"पूर्णिमा "की चांदनी लुभा गई!!



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