प्यार हो रहा है!
प्यार हो रहा है!
एक बार फिर से अकेलापन परेशान कर रहा है
एक बार फिर, दिल जोरों से धड़क रहा है
शायद मै चाहता था कि ये फिर से ना हो
शायद वो शख्स मुझे अब अपना सा लग रहा है
उसकी आँखे झील सी, जिसमे खुशी खुशी डूब जाऊ मैं
उसकी जुल्फे जो उसके चेहरे से लगकर कहर ढाती है
सुबह शाम, रात दिन, शायद उसको सोचते नहीं थकता मै
शायद वो मुझसे, मेरा ही जुड़ाव कराती है
उसके ना दिखने पे, शायद मै बेचैन हो जाता हु
जो दिख जाये तो जहां मे सुकून छा जाता है
उसकी मासूमियत हर सांस के साथ खिल उठती है
शायद उसके दिदार को, ये दिल ना जाने क्या क्या कर जाता है
उसके लहजे से मानो अमृत बरसता है
उसकी बातें रूह मे गहराई तक घर कर जाती है
उससे बिछड़ना लगता है शायद अब बहुत मुश्किल
जो ऐसा सोचूँ भी तो, शायद मेरी साँसे थम जाती है
शायद मेरे दिल और दिमाग़ मे तकरार हो रहा है
ये बस अभी नहीं, हर बार हो रहा है
वैसे तो शायद मै, मानना नहीं चाहता था कभी ये, मगर अब मान लेता हु
कि हाँ...मुझे उस शख्स से, प्यार हो रहा है, बेशुमार हो रहा है

