प्यार और नखरा
प्यार और नखरा
ये जो आँखे है तेरी,न
नजाकत भी है.. बग़ावत भी।
ये जो शरमाना है तेरा,
मासूमियत भी है.. शरारत भी।
ये जो होंठ है तेरे,
आदत भी है.. चाहत भी।
ये जो रूठना है तेरा,
फ़ितरत भी है.. जरूरत भी।
ये जो जुल्फ़े है तेरी,
शामत भी है.. शराफ़त भी।
ये जो मुस्कुराना है तेरा,
राहत भी है.. आफ़त भी।
ये जो जिस्म है तेरा,
इनायत भी है. इबादत भी।
ये जो इश्क़ है तेरा,
आयत भी है.. अमानत भी।

