STORYMIRROR

Anand Jain

Romance

4  

Anand Jain

Romance

प्यार और नखरा

प्यार और नखरा

1 min
219

ये जो आँखे है तेरी,न

नजाकत भी है.. बग़ावत भी। 

ये जो शरमाना है तेरा, 

मासूमियत भी है.. शरारत भी।


ये जो होंठ है तेरे, 

आदत भी है.. चाहत भी। 

ये जो रूठना है तेरा, 

फ़ितरत भी है.. जरूरत भी।


ये जो जुल्फ़े है तेरी, 

शामत भी है.. शराफ़त भी। 

ये जो मुस्कुराना है तेरा, 

राहत भी है.. आफ़त भी।


ये जो जिस्म है तेरा, 

इनायत भी है. इबादत भी। 

ये जो इश्क़ है तेरा, 

आयत भी है.. अमानत भी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance