पूरे सवाल के अधूरे जवाब
पूरे सवाल के अधूरे जवाब
यह जिंदगी है जनाब यहां हर बात के जवाब पूरे नहीं मिलते हैं।
कुछ ना कुछ तो अधूरा रह ही जाता है।
जिंदगी भर कुछ ना कुछ सवाल चलता ही रहता है।
हम उनके जवाब ढूंढते ही रह जाते हैं और वह अधूरे ही रह जाते हैं।
और हमारा मन अधूरे सवालों के जवाब में खो जाता है।
जिस तरह बच्चों को हर सवाल के जवाब की आशा होती है।
इसी तरह मुझे भी बहुत सारे सवालों के घेरे ने घेर रखा है।
इनके जवाब हमेशा अधूरे ही मिले जो मिलते ही नहीं और जिज्ञासा को बढ़ा देते हैं।
मन ऐसा करता है कि उनके जवाब ढूंढो।
मगर लोगों की मानसिकता को बदल नहीं सकते हैं तो जवाब ढूंढने से कोई फायदा नहीं
जो जैसा चलता है वैसा चलने दिया जाए। उसी में हम सबका भला हो जाता है।
रूढ़िवादिता और कुपमंडूकता से निकालने के लिए
बहुत तर्क वितर्क कर लिए मगर कभी संतोषजनक उत्तर मिले ही नहीं।
अधूरे जवाब अधूरे ही रह गए उनके जवाब पूरे मिले भी नहीं।
अब मन करता है फालतू ही इस तरफ अपना दिमाग लगाना है
हर प्रश्न का जवाब पाना है अधूरे उत्तर तो अधूरे ही रह देने दो।
अपनी जिंदगी को अच्छी तरह जी लेने दो
क्योंकि जिंदगी के जवाब भी अधूरा ही रह जाने वाले हैं।
सारे सवाल हमारे साथ ही चले जाने वाले हैं।
