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Vinit Kumar

Romance

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Vinit Kumar

Romance

पुस्प

पुस्प

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तुम्हारे लिए शायद मैं बस एक खिलौने की भांति हूँ,

मग़र कोई मुझे जीवन का अनुपम आरम्भ भी कहता है।

तुम्हारे लिए शायद मैं बस एक कली हूँ,

जो बड़ी होकर फूल बनेगी,मुरझाएगी और फिर लुप्त हो जाएगी।

मग़र किसी के लिए मैं उनके तन्हाइयों की साथी हूँ

मेरे मुरझाने औऱ लुप्त होने पर जो उदास होता है और कई बार रोता भी है।

तुम्हारे लिए मैं बस आकर्षण का केंद्र हूँ,

पर चंद लोगों के लिए मेरा बहुत महत्व है।



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