सिख मज़हब की
सिख मज़हब की
मज़हब नही सिखाता
आपस मे बैर रखना।
औरों की छोड़ो ख्वाइशें
नफ़रत की बात न कहना।
इस गहरे अंधकार में
कई अनपढ़ रहते फिरत,
पूजा तो कभी नमाज़
झुंड में है रहने को कहते।
हम दूर दराज़ अपने
अपने घर मे बस
पड़े है रहते
औरों और खुद की
हिफ़ाजत कुछ यूँ
है करते रहते।
