STORYMIRROR

Babu Dhakar

Inspirational Others

4  

Babu Dhakar

Inspirational Others

पथ-प्रगति

पथ-प्रगति

1 min
201

किसी के भी द्वारा आगे बढ़ने के लिए गलत राहो को चुनना बिल्कुल गलत है क्यों की

वह लौटकर उसी का नुकसान करती है।

पथ प्रगति पर दूश्चिंताओं ने घेरा

कुछ करने की जिद में गलत राहों को छेड़ा,

हाय! काले काले कलंक लगा के

सिर को ढंक लेना सीखे कोई इनसे ।

राग रंग में रंगे हुए

भूल भुलैया में फंसे हुए ,

मन को मैला किए हुए

तन पे चंदन मले हुए।

जो है नहीं उसे बतलाते है

जीवन की नैया में गोते खाते है,

दानव बने जो मानव

खुद को सफल वे बतलाते है।


पथ प्रगति पर देखो, बढे़ उन हाथों को

पत्थर तोड़ राह बनाते उन बाजुओं को,

तोडे़ पत्थर कि तोड़ते अपने कर

हाय! मन की कसक निकाले तो किस पर ।

पथ प्रगति पर बढ़ने को आतुर

बन रहे इस तरह चतुर,

जो है नहीं वो बतलाकर

बहकाए सौ तरह के चक्कर चलाकर।

पथ प्रगति पर बढ़ने को हो जाओ तैयार

जीवन में दांव पेंच से ना घबराओ

जो है नहीं ,जो था या जो होगा ना सोचकर,

बढ़ो आगे, जो है सामने उसी में सही विकल्प खोजकर।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational