पता
पता
किनारे थे
बाढ़ में किनारा डूब गया
मझदार में आये
तो अकेले थे
इंतजार किये तुम्हारा
सुना जो था मझधार में हो तुम
तुम नहीं मिले तो
बन गये एक नाव
तैरने लगे मझधार में
किनारे आये तो
तुम यहाँ भी नहीं मिले
कितना सुंदर किनारा है
बीच में नाव खड़ी है
अब ये मत कहना कि
मैं डूब रहा हूँ
ये मत कहना कि
कैसे पार लगूँ
ये मत कहना बड़ी मुश्किल में हूँ।