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Nand Lal Mani Tripathi

Action Classics

4  

Nand Lal Mani Tripathi

Action Classics

पर्यावरण

पर्यावरण

1 min
311


शोर बहुत ध्वनि प्रदूषण

दूषित जल जल प्रदूषण

दूषित वायु वायु प्रदूषण

अविनि आकाश प्रदूषण।

मानव मानवता प्रदूषण

प्रकृति प्रदूषित पर्यावरण

प्रदूषण।                


कुछ भी शुद्ध नही बचा है

क्या हो गया है तुझको मानव

तूने अपने ही अंत का षड़यंत्र

प्रदूषण।

कर्तव्य दायित्व बोध को

जानो पहचानो क्या तुझको

दिया पुरुखों ने समय अभी

है बचा लो।


नही बचा पाये प्रकृति पर्यावरण

प्रदूषण से अविनि का राक्षस सा

असम ही निगल जाएगा

सुंदर युग अविनि को

आने वाली अपनी संतानों के लिये

जहर दे जाओगे साथ।


नहीं कुछ आएगा मृत्य के बाद

भी चैन नही पाओगे पछताओगे।

जल के लिये लड़े जाएंगे जंग

जल बिन तड़प तड़प कर तेरी

पीढ़ी मर जायेंगे।            


अपने ही पुरुखों की चिता कब्र पर

जलते मरते जाएंगे।

जल की बर्बादी रोको 

जल का हो संरक्षण

जल जीवन के आदर्शों

का शुरु करो संवर्धन।


निहित स्वार्थ में वन जंगल

काटे जाने से कितने ही जीव

जंतु के घर परिवार उझड़े

अब पता नही खुद तुमको

कहां गए विलुप प्राणी प्रकृति

तुम्हारे थे जो साथी।


आज खोज रहे हो उनको,

उनको फिर पाने की चाहत

में इधर उधर भटक रहे हो।

मौसम ने चाल बदल दी

सर्दी में गर्मी ,गर्मी में सर्दी

बिन मौसम वारिश 

कही सुखा तो कही बाढ़

कभी सुनामी तो कही अकाल।


ना जाने कितनी ही बीमारी को

जन्म दिया तुमने मजबूरी में

साथ नीभाते जीते जाते हो।

प्रकृति पर्यावरण पुरुषार्थ

का अभिमान बृक्ष लगाओ

जल बचाओ अंधा धुंध

विकास की दौड़ से बाहर निकलो।


पर्यावरण विकास का सेतु बनाओ

बन संरक्षित नदिया झरना पर्वत

पहाड़ संरक्षित प्रकृति पर्यावरण

संरक्षित सुरक्षित वर्तमान वविष्य

बनाओ।


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