परवरिश
परवरिश
बच्चों से दोस्ती करो पर सर ना चढ़ाओ,
बेटे के जैसे बेटियों को भी आगे बढ़ाओ।
सभी चाहते हैं बेटा हमारा बाहर नाम करें,
जरूरी तो नहीं बेटी ही घर का काम करें।
वो तो चलेगा, गिरेगा और फिर से उठेगा,
आखिर तू जिद्द के आगे कब तक झुकेगा।
बच्चा ज़िद करे तो कोई बड़ी बात नहीं,
पर बच्चा जिद्दी बने यह सही जज्बात नहीं।
सीखेंगे बच्चे तुम्हारे तुम्हें ही देखकर,
सही गलत बताने में ना ज्यादा देर कर।
मासूम है वह और नादान सा परिंदा है,
याद करोगे तुम में भी एक बच्चा जिंदा है।
बच्चे वह सिखाते हैं जो बड़े नहीं सिखाते,
उनके सवालों के जवाब तक हमें नहीं आतें।
देख उन्हें खुद चेहरे पर मुस्कान आती हैं,
कुछ पल के लिए परेशानियां दूर हो जाती है।
आज का बच्चा ही तेरा कल बन जाएगा,
तेरी एक परवरिश का फल सामने आएगा।
आचरण का महत्व आज ही समझाओ,
जायदाद नहीं परवरिश का वारिस बनाओ।
