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Author Anju Kanwar

Abstract Inspirational

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Author Anju Kanwar

Abstract Inspirational

परमसत्य

परमसत्य

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  मैं ही सत्य है.. मै ही निरंकार हूं

       अदभुत हूं मै..चारो दिशा हूं मै.

सर्वेश हूं मै नीलकंठ हूं मै

      पुरुष हूं मै.. स्त्री भी हूं मै.

शांत है मै प्रलय भी हूं

       धर्मी हूं मै अधर्मी का नाश भी हूं

अमृत हूं मै विष भी मै हूं

         परमसत्य हूं मै झूठ भी मै

पालनहार हूं और विनाशकारी भी

        मुझे मानो तो सर्वेश हूं ना मानो तो तुच्छ

पत्थर की मूर्ति में हूं विश्वास हो तो

         ना मानो तो वो मूर्ति केवल पत्थर

मानो तो मै हूं ना मानो तो केवल शब्द!

   




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