प्रकृति का कहर आया है
प्रकृति का कहर आया है
प्रकृति का कहर आया है,
संकट विषम लाया है,
जिंदगी मुंह चिढ़ा रही,
मृत्यु दोस्ती की हाथ बढ़ा रही,
अब सौर्य संपत्ति सस्ते हो गये,
अब तो ऑक्सीजन महंगे हो गए,
हालात अस्त व्यस्त हो गई,
अब तो जिंदगी त्रस्त हो गई,
मंदिर मस्जिद के लड़ने वाले,
अब खुद ही जिंदगी के लिए लड़ रहे,
अब जिंदगी मुंह चिढ़ा रही
अब मौत भी अपना सहरा पहना रही,
अब रेंज रोवर बीएमडब्ल्यू एक मोह माया है,
अब ऑक्सीजन उपलब्ध हो यही सपना छाया है
प्रकृति के तमाचे ने अब जिंदगी का सच दिखलाया है,
शमशान शव से अब पट रही
यम की दुंदूभी अब बज रही,
मृत्यु ने अपना कोरोना रूप दिखलाया है,
हिंदू मुस्लिम पे लडने वाले को,
किसी अल्लाह और राम बोलने वाले ने बचाया है,
प्रकृति को तबाह करने वालों,
तुम्हें प्रकृति ने अपना रंग रूप दिखलाया है,
अपनापन दिखाने वाले
जाने अब कहां रहे,
किसी अपने ही के शव को,
वो दूर से ही मुंह चिढ़ा रहे ।