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Praveen Gola

Romance

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Praveen Gola

Romance

प्रकाशित लेखिका

प्रकाशित लेखिका

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मुझे ना खरीदो सिक्कों में ,

मैं एक बदनाम लेखिका ,

मुझे पढ़ने वाला सोचता है ,

कि क्यूँ ना बन सकी , 

मैं एक प्रकाशित लेखिका ?


मैं उम्र भर छुपाती रही ,

हम दोनों का वो अनोखा प्यार ,

जिसे अंजाने में पिरोया था मैंने ,

दे कुछ शब्दों का संसार ,

अब कैसे कर दूँ उसका व्यापार ?


वो पुस्तक बन जब जग में फिरेगी ,

मेरी और उसकी बदनामी बढ़ेगी ,

दुनिया पूछेगी मुझसे तब ये सवाल ,

बता वो कौन है जिसने किया इतना बवाल ?

तब सोचो ज़रा क्या होगा मेरा हाल ?


कितने रिश्तों में हूँ मैं बंधी ,

हर रिश्ते की एक मर्यादित कड़ी ,

किस रिश्ते को मैं तब छोड़ पाऊँगी ,

अपनी की हुई गलती पर फिर पछताऊँगी ,

इसलिये मुझे नहीं बनना एक प्रकाशित लेखिका।


वो उम्र भर मुझे समझाता रहा ,

मत लिखो जो तुम्हारे दिल ने कहा ,

मैंने सुनी नहीं उसकी कोई बात ,

बस लिख डाली उसके संग गुजारी हर रात ,

अब नहीं बनना मुझे एक प्रकाशित लेखिका।


 


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