प्रकाश पर्व
प्रकाश पर्व
महान सदगुरु नानक का,
प्रकाश पर्व है जापना।
सभी को करते हैं,
हार्दिक मंगलकामना।
तारणहार धर्म-धरा,
आये कर्म पाप थामना।
नमन गुरु संकट में,
दुखियारों का हाथ थामना।।
अप्रैल 1539 को,
करतारपुर में गये थे।
सदगुरु नानक देव,
ज्योति-जोत समाये थे।
पृथ्वीसिंह' ईश एक,
किरत करण बताये थे।
बांट बांट कर खाएं,
एकत्व पाठ पढ़ाये थे।।
ज्ञान का अद्भुत प्रकाश,
उन्होंने जगत को है दिया।
तभी जन जन का,
मान व कल्याण हो पाया ।।