प्रज्ञा : हमारी बेटी
प्रज्ञा : हमारी बेटी
१५ नवंबर की उस स्वर्णिम क्षण में
आप हमारी सूनी ज़िंदगी में
चांदनी बनकर आईं,
आपका स्वागत है, प्रज्ञा बेटी !
असम के डिब्रुगढ़ नगर में अवस्थित
"आदित्य डायग्नोस्टिक एंड हॉस्पिटल" में
एक सुप्रतिष्ठित चिकित्सक के शुभ हाथों से
इस धरती पर आपका पदार्पण हुआ, प्रज्ञा बेटी!
यह हमारे पूर्व जन्म का योगक्षेम है,
जो हमने आपके रूप में हमारी सूनी ज़िंदगी में
अपना श्रीचरण रखकर एक मधुर छंद-सा
संगीतमय पलों का संचार कर दिया...!
आपको इस शुभ जन्म की हार्दिक शुभकामनाएं, प्रज्ञा बेटी...!!!
हमने आपके इंतज़ार में न जाने
कितनी रातें बिन सोए हे काट दिए,
वो हिसाब नहीं, मगर हमें फिर भी
एक बात की खुशी है
कि आप सलामत रहें...
आपकी सारी बलाएं मैं ले लूं...
आपकी झोली में बस दुआएं ही दुआएं हों...
हमारी इन यादगार पलों का कोई हिसाब नहीं...
हम सब बेटी के जन्म से बहुत खुश हैं...,
क्योंकि बेटियां घर की लक्ष्मी हैं...
प्रज्ञा, आप हमारी लाडली बेटी हैं !!!
