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JAYANTA TOPADAR

Drama Tragedy Action

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JAYANTA TOPADAR

Drama Tragedy Action

क़श्मक़श-ए-ज़िंदगी...

क़श्मक़श-ए-ज़िंदगी...

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भगवान जाने ये भागदौड़ कब खत्म हो...
उम्र के इस पायदान पर कदम रखकर
अब मैं थक-सा चुका हूं...!

जीवन के सावन में
न लिए गए कुछ सही फैसलों का
दुष्परिणाम इतने वर्षों से भोग रहा हूं...!

इस अंधाधुंध भागमभाग में
न जाने कितने सही मौके
मैंने गंवा दिए...!

वक्त के थपेड़ों ने मुझे
आज कितना मुफलिस बना दिया,
वो मैं अपनी खाली पड़ती जेबों को
टटोल-टटोल कर
अपनी किस्मत के ताले की
खोई हुई चाबी ढूंढता फिरता हूं...!!!


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