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JAYANTA TOPADAR

Comedy Drama Tragedy

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JAYANTA TOPADAR

Comedy Drama Tragedy

ज़िंदगी बिताने के बाद...

ज़िंदगी बिताने के बाद...

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एक सवाल खुद से भी कीजिए, ओ इंसान,
कि इस दुनिया से रुखसत होने से पहले
कुछ ऐसा करते जाइए कि लोग आपको 
आपके कर्मों की वजह से
बड़े अदब से महफिलों में आपका ज़िक्र किया करें...,
न कि आपकी हरकतों पर कोई नकारात्मक टिप्पणी करें!

दौलत-ओ-शोहरत तो आपने बहुत कमाई होगी,
मगर क्या आपने किसी मुफलिस-बेसहारे की दुआओं में
खुद को शामिल किया...?
ये सवाल बार-बार खुद से पूछते रहिए...
एक दिन आपको अपने सच्चे दिल की
आवाज़ ज़रूर सुनाई पड़ेगी !

हां, ओ कामयाब इंसान ! अगर आपको
महज़ निजी स्वार्थचिंता से
दौलत-ओ- ऐशोआराम की फ़िक्र ही लगी रहती है...
और अगर आप दूसरों से केवल अपने फायदे के लिए ही आपसी मेलजोल बढ़ाया करते हैं,
तो ये जान लीजिए कि आपका छल-बल-कौशल 
ज़्यादा समय तक चलने वाला नहीं है,
क्योंकि सच्चाई को कोई भी घोटाला 
स्थाई रूप से दबा कर नहीं रख सकता....!

हक़ीक़त तो वह साफ़ आईना है,
जिसमें विधाता हरेक इंसान का
अक्स स्पष्ट रूप से दिखा ही देता है...
कोई चालबाज चाहे जितनी भी
कोशिश क्यों न कर ले...
वह आख़िर ऊपरवाले से
मात खा कर ही रहता है...!!!

इसलिए, ओ घमंडी इंसान ! अपने क्षणभंगुर
देह की गरिमा को अक्षुण्ण रखने के लिए
जितना हो सके 'नेकी' करें,
अपनी कृपणता से परे हटकर
इस ज़िंदगी में कुछ नायाब काम कर लें
कि आपको इस दुनिया से हमेशा के लिए रुखसत होने से पहले
अपनी खुदगर्जी पर शर्मसार न होना पड़े...!!!

(क्या करेंगे, ओ नासमझ इंसान, अपना पेट काटकर कृपणता से ज़िंदगी गुज़र-बसर कर...???
न तो आपने खुद सही मायनों में अपने दिल की बात सुनकर कोई बड़ा तीर सही निशाने पर लगाया, और न ही अपने अपनों को
स्वाधीनचित्त जीवन, सुखमय जीवन
या उदर-तृप्त जीवन की सुखानुभूति से
रूबरू होने का मौक़ा दिया...
आपने इतनी कृपणता से ज़िंदगी जीकर
कौन सा बड़ा काम कर डाला...!!!
ज़रा अपने दिल से ईमानदारी से 
पूछकर देखिए तो, क्या जवाब मिलता है...!!!)



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