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Uma Bali

Inspirational

3  

Uma Bali

Inspirational

परिवर्तन

परिवर्तन

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आसमान का नीला रंग

निखर गया है

धूप में भी सोना 

बिखर गया है


हवाएँ भी दे रही हैं

और ज़्यादा धड़कने 

रात के प्रहरी 

खुल कर लगे है चमकने


फूल फूल मँडराने 

लगी है तितलियाँ 

अपने ही बोझ से 

झुकी जा रहीं है डालियाँ 


पर्वतों के शिखर भी

सर उठाए नज़र आ रहे है

और मानव को बौनेपन का

एहसास करा रहे है


नदियाँ निखर निखर

इतरा रही है

हम सब को असलियत का

आईना दिखा रही है


एक विषाणु ने

मानव जाति को चेताया है

उसकी नशवरता का

आभास करवाया है

सभी आडंबरों से पर्दा 

उठाया है


गर अब भी न सँभल पाया इन्सान 

नहीं मिलेगी उसे कोई ठौर

अब की बयार ये बता रही है

प्रकृति है परिवर्तन की ओर 



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