परेशान
परेशान
सभी शिक्षक हैं परेशान
खाना पूर्ति कर ले रहे है
ना जाने कौन सा इम्तिहान
सभी डॉक्टर हैं परेशान
ज्यादा कमाने के लिए
गरीब की ले रहे हैं जान
सभी राजनेता हैं परेशान
लगाकर चुना जनता को
रो रहे हैं अपनों के दरम्यान
सभी व्यापारी हैं परेशान
मिलावट कर वस्तुओं में
खो रहे है अपनों से सम्मान
सभी किसान है परेशान
लगाकर केमिकल
ले रहे है अपनों की जान।
सभी गायक हैं परेशान
छेड़ बिना शब्दों की तान
खा रहे रागों का वो मान।