प्रेमा
प्रेमा
प्रेम और माँ से मिलकर बना नाम,
पढ़ाई में तेज़, डॉक्टर बनना था मुकाम।
उदारता की देवी उनकी मां थे पिता डॉक्टर महान,
प्रसिद्ध थे फ्रंटियर में, जानता हर इंसान।
डॉक्टर बनने की चाह हालातो में डेह गई,
Bsc पास कर, प्रेमा फॉरेस्ट ऑफिसर से ब्याही गई।
जंगलों की मुश्किल हालातो से लड़ती गई,
बहादुरी से पति के साथ आगे बढ़ती गई।
तीनो बच्चों की मजबूत नींव प्रेमा ने डाली,
अच्छे स्कूल में भेजकर, ज़िन्दगी उनकी संवारी।
अर्धांगिनी का मतलब हमने उनसे जाना,
हर मुश्किल में पति के साथ डटकर किया सामना।
साफ दिल में भरा, प्रेम का सागर,
जो भी मिलता उनसे, पाता बराबरी का आदर।
स्वाभिमान व न्याय के लिए लड़ जाना,
सच्चाई का रास्ता अपनाओ, हमने उनसे जाना।
मां से पहले, बच्चों ने उन्हें मित्र माना,
अगले जन्म भी हे प्रभू, मिले यही आशियाना।
