प्रेम
प्रेम
लागी प्रेम लगन
जागी अनबुझ अगन
पीर कलेजे में
कासे कहुँ
तीर टीसता
कब से सीने में
लागी प्रेम लगन........
बिन देखे प्रिय
अँखिया तरसे
किसी करवट
नही चैन ।
सूली ऊपर
सेज बिछाई
अंग अंग बेचैन ।
लागी प्रेम लगन .........
तोसे नैना जबसे लागे
भूख प्यास ने रखे फांके ।।
होंठ हैं सूखे
पेट है पिचका
रीत रहें हैं नैन ।।
लागी प्रेम लगन ........
जागी अनबुझ अगन ।।

