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Kusum Lakhera

Romance Fantasy Inspirational

4.5  

Kusum Lakhera

Romance Fantasy Inspirational

प्रेम का रंग

प्रेम का रंग

2 mins
384


राधा कान्हा से कर रही है नित यही सवाल ...

बोलो कान्हा जल्दी बोलो प्रेम का रंग क्यों है लाल ?

तब कान्हा जी ने हंसकर कहा , राधा सूरज का रंग है लाल ....

फूलों का भी रंग है लाल और तो और ...

 तुम्हारी चुनरी का रंग भी तो है लाल .....


हाथों में जो कंगन पहने वह भी तो है लाल...

और देखो ये जो मेहदी लगाई हाथ मे वह भी लाल !

लाल रंग है सबसे प्यारा ...सब रंगों से है न्यारा ।

तुमने जो लगाई बिंदिया .....जो उड़ाए मेरी निंदिया

वह भी तो है लाल ...फिर भी तुम पूछती हो मुझसे ये सवाल 

प्रेम भाव है सबसे पावन ..इसलिए लाल रंग ही भाए ..


इसलिए तो हर भक्त भगवान की मूरत को

लाल रंग के फूल की माला पहनाएँ ...

लाल रंग के श्रृंगार से देखो राधा तुम्हारा सौंदर्य कितना 

बढ़ जाए ..

लाल रंग है प्रेम रंग जो सबके ही मन को भाए ..

शक्ति सम्पन्न है ...ऊर्जा से परिपूर्ण ...खुशियों से सरोबार ..

घृणा भाव को हराने के लिए प्रेम ही है प्यारा हथियार 

ये लाल रंग है सौभाग्य से पूरित ।

शुभ समृद्धि कल्याण से सम्पन्न !


कान्हा की सब बाते सुन कर राधा ने कहा ..अरे कान्हा

तुमने तो बातें कहीं बहुत कमाल ...

प्रेम का रंग है लाल तो तुम कहो तुम्हें है किससे प्यार ..

कान्हा तनिक मुस्कुराए ...फिर राधा के निकट आए 

और फिर जब राधा सकुचाए ...तो कान्हा ने कहा


राधा प्यारी ...जो कहा न जाए ..जो सिर्फ समझा जाए

वही प्रेम है ...जो शब्दों से न हो पाए व्यक्त ...

पर आँखों की लालिमा में हो जाए व्यक्त ..

जो चेहरे से झलक जाए ...वही प्रेम है ..

तुम और मैं दो नहीं 

 एक ही ..आत्म तत्व कहलाएं

चलो इस प्रेमभाव रूपी पावन सागर में 

हम दोनों आनंद पाएँ 

प्रेम का रंग है सबसे सच्चा , 

सबसे पक्का सबसे अच्छा !!


आदि काल से कलयुग की यात्रा तक

 मानव ने कई वैज्ञानिक चमत्कार अपनाएँ

पर तब से अब तक प्रेम के रंग में 

कोई भी परिवर्तन न आए ..

ये तब भी लाल ही था ...आज भी है लाल 

ये कान्हा के रास सा खास ..

ये सावन भादों सा मेघ मल्हार ..

ये संगीत के सात सुरों की झंकार....


ये स्नेह ..ये निस्वार्थ भाव ..जैसे वृक्ष करते उपकार

जैसे चलती बयार ..जैसे नदिया की बहती धार 

इस प्रेम भाव से ही चलता है सारा संसार ...

इस प्रेम भाव को राधा कभी न बिसार !


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