मोहब्बत
मोहब्बत
हमें भी तो कोई हम सा प्यार करे
अपने जज़्बात का हमसे इजहार करे
सुनने को तुम्हारे दिल की तमन्ना
मेरे इस छोटे से दिल को बेकरार करे
काश चाहे वो हमें भी जिसे हम इस तरहा चाहते है
बताए उनके दिल की बाते जिसे हम हमारी जान बताते है
गलती हमारी होने पर भी नाराज़ वो होते है
क्या बताऊँ यारों रोते मुस्कुराते हम तो उसे दिन रात मनाते है
तुम मेरी पहली और आखरी मोहब्बत हो
जिसकी आवाज से नशा उतर जाए तुम वो लत हो
ओर लोगों को शोक है शराब पी के झूमने का
अरे जिसकी आंखों में देख डूब जाऊँ तुम वो शरबत हो
साथ हमेशा देने की तुमने कसम खाई है
हमारी प्यारी रातों को तुमने एक रस्म बनाई है
ओर भूल गयी तुम पिछले साल की नवमी को हमने बाते शुरू की थी
आज देखो जरा अगले साल की दशम आई है
एक प्रार्थना है प्रभु श्री राम से की
अपना ये प्यार कभी कम ना हो
तेरे मेरे बीच स्नेह खतम ना हो
पता है मुझे तू हमेशा मेरे साथ है
पर इस बात का कभी मुझे अहम ना हो।

