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Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

4.0  

Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

प्राकृति, मानव और कोरोना

प्राकृति, मानव और कोरोना

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प्रकृति और मानव का ,

जब तक संतुलन साथ रहेगा।

जीवन की धारा का,

निरंतर तभी तक विस्तार रहेगा।

कद्र मानव जब तक प्रकृति की

कद्र नहीं करेगा। 

तब तक आपदाओं का ,

ऐसे ही मचता संहार रहेगा।


प्रकृति और मानव का,

जब तक संतुलतन साथ रहेगा।

मानव ने प्रकृति से ,

जब -जब है खेला ।

कभी भूकंप .....

कभी सुनामी ......

अब आकर भीषण आपदा ,

कोरोना आ घेरा।


प्रकृति को संभालो ,

यह रक्षक है मानव की ,

न दौड़ो विकास की अंधी दौड़,

कहीं नहीं मिटेगी यह लंबी होड़ ।।


नाश जब -जब करोगे

तब -तब तुम मानव ,

प्रकृति का सामना करोगे,

किसी न किसी ,

महामारी का सामना करोगे। 



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