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Dr. Anu Somayajula

Tragedy

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Dr. Anu Somayajula

Tragedy

पंच तत्वों से बनी

पंच तत्वों से बनी

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पंच तत्वों से बनी यह पृथ्वी

खो रही है-

रूप, रस, गंध;

बस एक ही शब्द

‘हाहाकार’

पल रहा अंतस में।

छूट रहा है अब मातृत्व का

प्रेम पगा स्पर्श भी!

कैसे कहें-

“धीर धरो मां”

हम ही ने तो इसे छला है।


                             



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