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Somnath Sharma

Drama

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Somnath Sharma

Drama

पक्षी से क्या सीखा हमने

पक्षी से क्या सीखा हमने

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पक्षी से क्या सीखा हमने

निडर साहसी निकला सुबह,

अपने घौंसले से,

नई उमंग तरंग लेकर,


इस मौसम में,

पंख फैलाकर खुले आसमान में,

जीता अपनी ज़िन्दगी ये

जीना अगर नहीं सीखा हमने

तो पक्षी से क्या सीखा हमने।


छोटी सी चोंच से,

ज़िन्दगी बचाने,

देखो करता ये कितने प्रयास,

मीलों दूर जाकर भी,

रहता अपनों का ख्याल।


हम बेमतलब मौत बांटते हैं

नफरत का झंडा लहराते हैं

ज़िन्दगी बचाना न सीखा हमने

तो पक्षी से क्या सीखा हमने।


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