महान
महान
नहीं है वो महान
जो बोला अत्याचार के खिलाफ
नहीं है वो महान
जो ज़िन्दगी के लिए मौत से खेला
अपितू
महान तो है वो
जो चुप रहकर सहता
मौत के डर से
मौत से बुरी ज़िन्दगी जीता
नहीं है वो अमर
जो मरकर भी रहता है जीता
नहीं है वो अमर
जो दिलो में बनकर विचार है रहता
अपितू
अमर तो है वो
जो लम्बी ज़िन्दगी को
मर-मर कर जीता
ज़िन्दगी के लिए ख्वाहिशों को मारता