पिता
पिता
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पिता भोर की पहली किरण
पिता बारिश की ठंढी पवन
पिता करते है इच्छा की पूर्ति
पिता है अनुभव की कोई मुर्ति
पिता का बढ़ाऊँ जग में मान
पिता को हो हम पर अभिमान
पिता के बिना सूना संसार
पिता मिले तो जीवन बहार
पिता की वाणी में ऊँचा ज्ञान
पिता की छवि होती महान
पिता के आँसू छिपी बहार
पिता का गुस्सा रुपी प्यार
पिता हमारे जीवन आधार
पिता के पग चिन्ह नैया पार
पिता तुम्हीं हो जनम जनम
पिता तुम्हें है सत सत नमन