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Shilpi Goel

Abstract Inspirational

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Shilpi Goel

Abstract Inspirational

पिता-मेरा स्वाभिमान

पिता-मेरा स्वाभिमान

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लिखा है हम सबने माँ को

किसी ने ना लिखा पिता को


आँसू दिखते माँ के सबको

कोई ना समझा पिता को


माँ की ममता कोमल होती

पिता का प्यार नारियल सा


माँ समेटती अपने आँचल में 

पिता खुद बन जाता ठंडी छाँव


भूलकर सारे सपने अपने 

निभाता जिम्मेदारियाँ हर बार


पिता ही है जिसकी डांट में भी

छिपा होता है प्यार बेशुमार


खुद के लिए कुछ ना मांगता 

करता पूरा हर कार्य भार


परी है बिटिया जिसके राज में 

बेटा होता हर गम का राजदार


बेटी की विदाई पर जो पिता

छुपा जाता अश्रुओं का भण्डार


जरूरत है हम समझें उनको

दें उनको एक सुखद संसार।



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