STORYMIRROR

बोधन राम निषाद राज

Classics

3  

बोधन राम निषाद राज

Classics

पिता भगवान है

पिता भगवान है

1 min
354

पिता देव सम है जहां, करना इसका मान

नहीं वृद्ध आश्रम रहे, घर में हो सम्मान।।


जन्म दिया संसार में, पालन किया महान

पले बढ़े छाया मिले, देखे आज जहान।


ना कोई चिंता रहा, बचपन बीता जाय

पकड़ चले हम ऊँगली, कब तूफां टकराय।


खून पसीना सींच कर, देता जो औलाद

रखवाली करता वही, ना करना बरबाद।


रक्षा करना बाप की, कभी न जाना भूल

सदा नमन् कर तू चढ़ा, चरणों में दो फूल।


बोधन राम निषाद तू, मानो ये उपकार

करे गर्व तुम पर सभी, मिले पिता का प्यार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics