पीया
पीया
सजती ,संवरती पीया कि गोरी पिया सवारियां के प्यार की
खुश्बू खुशियाँ मुस्कान कन्हा कि राधा रुक्मणी जहां बहारों कि बहार !
गली गली कि कली नज़ों में पली अपनी हसरत कि हस्ती पीया की चाहत
मस्ती कभी प्यासी कली आज प्यासा कमल पिया के मुरादों की
मन्नत माँगती चांद मिलने चली।
खुद चांद जानम जहाँ में जहाँ को औरत का मतलब बताये !
औरत को अच्छा लगता है शृंगार !
औरत कि ख्वाहिश ख्वाब शौहर कि शेहत खुशियां
सजनी का पिया सलामत लम्हा लम्हा जिन्दगी
त्योहार संसार साल लाख हज़ार !
हाथों में मेहदी माथे कुम कुम और बिंदिया
पावों में पायल, महावर हाथों में कंगना ।।
दिल की मुरादें सलामत रहे मेरा सजना,
सजना कि सजनी दुनिया कि दौलत जन्नत जीनत जमीं मुस्कुराए !
ना भूख लगे ना प्यास बस एक विश्वास पिया का साथ
हाथ जीवन निर्मल निर्झर पतित पावनी गंगा कि आस।
चांद है गवाह दो घूंट पीया के हाथों का पानी पीकर ही
पतित पावनी कहलायूं बन जाऊ जिन्दगी का जज्बा जज्बात।।
नशा प्यार यार, जिंदगी की हकीकत का तराना
याराना जिन्दगी के इंतजार का इजहार !

