कमल का फूल
कमल का फूल
कीचड़ में खिलकर भी शुद्ध पवित्र रहने की प्रेरणा देता कमल,
सिखाता है बुराइयों के बीच रहकर भी कैसे रखें मन को निर्मल।
जल में होता है उत्पन्न, एक नाल से जुड़कर कीचड़ में खिलता,
फिर भी कीचड़ रूपी हर अशुद्धि से निर्लिप्त रहता है ये कमल।
सभी को करता आकर्षित खूबसूरती इस कदर इसमें समाहित,
ज्ञान ऐश्वर्य सुंदरता शुद्धता समृद्धि का प्रतीक है ये फूल कमल।
राष्ट्रीय फूल कहलाता, उज्ज्वलता आध्यात्मिकता से है जुड़ा,
प्रजातियांँ इसकी अद्भुत ब्रह्मा, फेन, कस्तूरा और नीलकमल।
माता लक्ष्मी, सरस्वती और ब्रह्मा जी का है ये प्रिय आसन भी,
सुंदरता इसकी इतनी कि ईश्वर को भी मोहित कर देता कमल।
बौद्ध धर्म मान्यता अनुसार तो अन्य सभी चीजों की तुलना में,
सबसे शुद्ध सबसे निर्मल शांति और योग का प्रतीक है कमल।
पद्म, पंकज, सरोज, अरविंद, नलिन, उत्पल, अंबुज नाम अनेक,
ऐश्वर्य और सुख का सूचक भी यह, पुष्पराज कहलाए कमल।
लाल सफेद नीला और कहीं-कहीं पीला भी होता इसका रंग,
चैत बैसाख से शुरू होकर, सावन भादो तक खिलता कमल।
पत्तियाँ होती गोल-गोल, बड़ी थाली आकार पुरइन कहलाती,
प्रत्येक भाग होता उपयोगी, औषधीय गुणों से भरपूर कमल।
पत्तों की लंबी डंडियों और नसों से निकलता इसके जो रेशा,
वस्त्र और बत्तियांँ बनती उससे, इतना उपयोगी होता कमल।