है , अबोध मानव !! होता ज्ञात तुझे मैं प्रकृति, तेरा आधार , तेरा अस्तित्व , तेरी प्राण सुधा ...। है , अबोध मानव !! होता ज्ञात तुझे मैं प्रकृति, तेरा आधार , तेरा अस्तित्व , ...
यह मजबूत नींव बनाती हैं। बनाकर घोंसला टहनी पर यह मजबूत नींव बनाती हैं। बनाकर घोंसला टहनी पर
होंठ कमल पंखुड़ी जैसी लगती तू अच्छी है। नूर हो तुम मेरे लिए और दिल की सच्ची हो। होंठ कमल पंखुड़ी जैसी लगती तू अच्छी है। नूर हो तुम मेरे लिए और दिल की सच्ची ह...
भोर हुई तो खुशनुमा है बाहर सूरज निकले तो लालिमा है डगर। भोर हुई तो खुशनुमा है बाहर सूरज निकले तो लालिमा है डगर।
पर भूल जाते है हम की हम भी तो है जो इस प्रकृति की सौन्दर्य को करने लगे है नष्ट, हमे रुकना होगा और र... पर भूल जाते है हम की हम भी तो है जो इस प्रकृति की सौन्दर्य को करने लगे है नष्ट, ...
मैं शर्मीली बाला नाज़ुक सी कलाई वाली खूबसूरत लड़की मैं शर्मीली बाला नाज़ुक सी कलाई वाली खूबसूरत लड़की