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Niharika Chaudhary

Romance

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Niharika Chaudhary

Romance

फर्क नहीं पड़ता

फर्क नहीं पड़ता

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न जाने कैसी जिंदगी जी रही थी मैं,

कुछ लोगों के लिए खुद को

बदल रही थी मैं,


अपने पहनावे से लेकर

अपनी सोच को बदल दिया था,

कुछ लोगों के लिए मैंने

खुद को बदल दिया था,


अब लोगों की किसी भी बात का

मुझ पर कोई असर नहीं होता,

मैं जैसी भी हूं उसी में खुश हूं

क्योंकि मुझे अब लोगों की किसी भी

बात से कोई फर्क नहीं पड़ता।


हां मुझे अब फ़र्क नहीं पड़ता।

किसी की बातों में किसी की

यादों में कभी खो जाया करते थे हम,

किसी की आशिक़ी में

ख़ुद को भूल गए थे हम,


जिसके ना होने के ख्याल से भी

हम परेशान हो जाया करते थे,

आज वो किसी और के है भी

तो मुझे फर्क नहीं पड़ता।


बहुत दर्द दिए हैं उन लोगों ने

जो कहने को अपने हैं,

भरोसा किया जिन पर

वह भरोसा तोड़ते गए,


अपने होने के बाद भी

खंजर भोकते गए,

अब वो खुशियां दे या गम,

हाथ थाम ले या साथ छोड़ दे,

अब मुझे फर्क नहीं पड़ता।


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