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Niharika Chaudhary

Others

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Niharika Chaudhary

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ममता

ममता

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लगता था जैसे ज़िन्दगी में बस मायूसी है,

तुमने मुझ जैसे अनाथ को जबसे अपना लिया,

मानो जैसे मैंने जन्नत ही पा लिया,

वैसे तो सब थे यहां पर बस एक मां की कमी थी,

तुम्हारे आने से जो अब पूरी हो गई।।

हर रिश्ते बना लिया करता था मैं, 

जिसमें बस मां की ममता ढूंढ़ता था,

वो रंगीन,प्यार भरी दुनिया और अपना पन ढूंढ़ता था,

एक पवित्र रिश्ते की तलाश में था,

जो तुम्हारे आने से मिला।।

क्या सही है क्या गलत है इसमें तुमने फर्क बताया,

हर राह पर चलने में तुमने मेरा साथ दिया और मेरा हौसला बढ़ाया।

स्कूल में जब सब अपनी मां के बने खाने को टिफिन में लेकर आया करते थे,

सच में उस वक़्त सिर्फ़ मां को याद किया करते थे,

सोचते थे काश ! हमारे नसीब में भी मां का लाड़ प्यार होता,

सबकी तरह हमारे सर पर मां का हाथ और उनका आशीर्वाद होता।।

सच में मां अनमोल है,

सच में मां पवित्रता की मूरत है,

जिंदगी कड़वाहट तो मां पीयूष है।

मां सिर्फ शब्द नहीं मां पूरी जिंदगी है,

मां खुशी है, मां मीठी किरण है, अंधेरे में उजाला,

मायूसी में खुशी है मां सब कुछ है एकनाथ को नया जन्म देने वाली देवी है,

सब झूठे तो वो एक सच्चाई की मूरत है,

इस जहां में एक वही ईश्वर का स्वरूप है।।



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