फरिश्ते
फरिश्ते
नभ में दामिनी गरज रही थी मेघ बरखा बन बरस रही थी,
एक छोटा नन्हा बालक असहाय सा ठंड में सिमट रहा था ,
तभी एक फरिश्ते ने आकर उसे अपने आंचल में छुपाया था,
अनाथ के सर पर प्यार से हाथ फेर स्नेह रस बरसाया था ,
अपनी बाहों में भर कर उसको उस तूफान से बचाया था,
उसके जीवन में वो माँ के रूप में फरिश्ता बनकर आई थी!
