फ्री इंडिया
फ्री इंडिया
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हमें स्वतंत्रता मिले हो गये 73बर्ष,
क्या सच में हम हुए हैं स्वतंत्र,
हमारे संविधान ने दिया बराबरी का अधिकार,
सम्मान शिक्षा का अधिकार,
कोई भी किसी भी तरह का न हो भेदभाव,
सचमुच क्या ये हमें मिले।
शायद कहीं कोई कमी है रही,
इसीलिए आए दिन देखते,
इन अधिकारों का खनन,
जो समृद्ध वो अलग से जीता,
उसके लिए सबकुछ संभव,
कोई भी कानून काम नहीं करता।
वो न्याय को भी खरीद लेता,
प्रशासन भी उसका साथ देता,
उसका धन हर स्तर पे आता काम,
बाकि सब रहते देखते,
उसको कहीं भी कोई दिक्कत नहीं आती,
सरकारें भी उसके आगे झुक जाती।
जब तक हम व्यवस्था में नहीं करेंगे सुधार,
प्रशासन का नहीं बढ़ाएंगे असहाय से संवाद,
पारदर्शिता नहीं दिखेगी हर स्तर पर,
न्याय नहीं मिलेगा सस्ता और शीघ्र,
शिक्षा के नहीं होंगें सम्मान अवसर,
असमानता से नहीं होगा छुटकारा,
तब तक स्वतंत्रता के मायने होंगे बेमतलब।