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Shailesh Srivastava

Drama

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Shailesh Srivastava

Drama

फना कर आया हूं

फना कर आया हूं

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यूं गया हूं कल,

तेरे ख्याल गाह मे,

कुछ ज़िंदा पड़े

उठा लाया हूं

दिल को दरिए तूफानी

मे भूल आया हूं।



यूं तो नजर आता नही,

तू या तेरा जिस्म

ना जाने किसमे फिर

अपने को फना कर आया हूं।


ज़िक्र तेरा हो तो पड़ती है

अब भी सांसों मे सिलवटें

कुछ ना पूछ, ये क्यों

और कैसे कर आया हूं।


कोशिश ना कि उसने जानने की

ना मैने समझने की,

जो लगती थी दिल्लगी

क्या था मालूम

इश्क़ कर आया हूं।


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