पहली नज़र में प्यार
पहली नज़र में प्यार
किसी अजनबी को देख पहली बार,
खो जाना उसकी आँखों में एक बार।
शायद इसी को कहते हैं लोग,
पहली नज़र का प्यार,
पहली नज़र का प्यार।
एक पागलपन सा है,
यह पहली नज़र का प्यार।
मात्र आकर्षण सा है,
इसमें बेशुमार,
इसमें बेशुमार।
प्यार है वही,
जिसमें विश्वास हो अधिक।
रही बात आकर्षण की,
तो वह तो होता है बस क्षणिक,
बस क्षणिक।
पहली नज़र का प्यार,
हो तो जाता है,
कुछ ही सेकेंड के अंदर।
पर कुछ ही समय में,
हो जाता है,
यह छूमंतर।
जबकि प्रेम है वही,
जो साथ रहे,
जन्म जन्मांतर,
जन्म जन्मांतर।
किसी की सूरत से हो जाए,
वही है पहली नज़र का प्यार।
पर अगर कोई सीरत पर मर मिटे,
वही है सच्चा प्यार।
यही कहते हैं, मेरे विचार।
हो ही नहीं सकता,
पहली नज़र में प्यार,
पहली नज़र में प्यार.....।

