पहली मुलाकात
पहली मुलाकात
आज मेरी यादों से एक बात याद आ गई।
जब मैं तुमसे पहली बार मिली,तो शर्म से मेंरी आंखें नही उठ रही थी।
फिर हिम्मत करके तुझे एक नज़र देखने के लिए मुस्कराते हुए मैंने अपनी पलकें उठाई।
तो मेरी नज़र तुझ पर ही रुक गई।
उस एक पल में ही ऐसा लगा कि पूरी दुनिया रुक सी गई।
मेरे मन ने कहा तुझे अपनी आंखों में कुछ इस क़दर बसा लूं।
जैसे कोई और नज़ारा नज़र ही न आए।
तुझे देखकर तो मेरे दिल ने धड़कना ही बंद कर दिया था।
मेरी सांसे थम सी गई। जै
से तुने मुझमें जान फूंक दी हो और उस वक़्त ऐसा लगा
कि तुम्हें देखकर ता - उम्र मेरी रूह बिना सांसो के भी ज़िंदा रह सकती हैं।