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Ratna Kaul Bhardwaj

Inspirational Romance

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Ratna Kaul Bhardwaj

Inspirational Romance

पहला प्यार

पहला प्यार

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पहला प्यार, परिभाषाएं हज़ार

रूप अनेक, रंग अपार

इस पार हो या उस पार

जीवन पा गया कोई, तो

कोई खा गया किस्मत की मार


जहाँ कान्हा की मुरली की धुन पर

राधा सब कुछ कर देती थी वार

वहीं कृष्ण की निस्वार्थ भक्त्ति मे

मीरा पा गई जीवन का सार

और कृष्ण की ही अद्भुत लीला पर

गोपियाँ हो जाती थी निहाल


जहां राम की मनमोहक सूरत पर

सिया गई थी दिल अपना हार

वहीँ, राम की अद्भुत मर्यादा पर

सिया ने त्यागा था सुख का संसार


जहां शिव को पाने की ख़ातिर

शक्ति ने लिए जन्म अपार

वहीँ, शिव की मर्यादा के ख़ातिर

शक्ति गले लगा गई अंगार


शीरीं को पाने की ख़ातिर

फरहाद कर गए बहती नदी पार

और लैला को पाने की ख़ातिर

मजनू सह गए पत्थरों की बौंछार


वह बच्चे की पहली आवाज़ पर

माँ की ममता भरी पुचकार ,

और अंतर्मन से समर्पण के लिए

स्त्री का वह पहला श्रृंगार


मैं इक सीधी साधी मूरत थी

बिन श्रृंगार के सूरत थी

सीरत देखी मैंने उसकी और उसने मेरी

राधा जैसा प्यार हुआ, सिया जैसा इकरार

मीरा जैसी धुन लागी, मिली सम्पत्ति मानो अपार

सर्वसमर्पण से एक दूसरे के लिए

मन दोनों का हुआ तैयार


जीवन का अटल सच है यह प्यार

जैसे चंपा की पत्तियों पर रुकी ओस

या शीतल शाम पर पिघले भाप की बूंद


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