रब के फैसले
रब के फैसले
हो जाता हैं विचलित मन जो क़भी
ईश्वर के फैसले पर करता है एतराज़
समझ नहीं पाता समय की धार को
हो जाता हैं विमुख ईश्वर की भक्ति से
रब के फैसले के पीछे छुपा हैं एक रहस्य
अनभिज्ञ रहता हैं मानव मन जिससे
छुपी रहती हैं हमारी भलाई अनदेखी
बदल जाती हैं हमारी नियति क़भी
होता हैं जो भी उसकी मर्जी से
नियति है या हैं कर्मो का फल
करने को मजबूत इस दुनिया में
ईश्वर लेते हैं फैसले हमारे लिए।
