सलाम तुम्हे हम करते हैं
सलाम तुम्हे हम करते हैं
भावावेग रोक सकते नहीं
शूल डिगा सकते नहीं
जो चला देशभक्ति की राह पर,
कदम उसके लड़खड़ा सकते नहीं।।
बासंती चोला वो पहन फिर,
न्योछावर मातृभूमि पर होता है,
अमर सपूत फिर कहलाकर,
गौरव देश का बनता है।।
देश का प्यारा वो,
देश के लिए ही जीता है,
बलिदान धरा पर होकर वो,
वीरता से मरता है।।
अमर शहीद फिर कहलाकर,
आदर्श हम सबका बनता है,
पुष्पांजलि हम अर्पण कर,
हम याद तुम्हें ही करते हैं,
हे धरा के अमर सपूतों,
हम सम्मान तुम्हारा करते हैं।।
प्रज्वलित दीपक तेरे पथ पर कर,
सीख तुझसे पाते हैं,
याद तेरी कर ,
खुद को धन्य बनाते हैं,
खुद को धन्य बनाते हैं।।
