पहला खत
पहला खत
अरमान फिर मचलने लगे
तुम्हारी पहली चिट्ठी जो पढ़ी,
पीले पड़ गए उन पन्नों में
एहसासों की वही महक भरी।
चाँद सितारों की बाते न थीं
ख्वाबों को तुमने लिखा नहीं
पहले खत के चंद शब्दों में
जीवन का अद्भुत प्रेम लिखा ।
सूखे गुलाबों की खुश्बू से
भीगा आज मेरा तन मन है ,
पढ़ती जाती पहले खत को
जज्बातों से आंखे नम हैं ।
पहला खत तुम्हारा,पूंजी मेरी
वही एहसास,धड़कन है मेरी
जेहन में तुम वही याद आते
खत थमाते हुए वो नजरें तेरी।

