फिर से वो दिन जल्दी आ जाये।
फिर से वो दिन जल्दी आ जाये।
सोचा न था कभी ऐसा होगा
किसी का न किसी से मिलना होगा।
मिलते थे सब एक दूसरे से
कितना अच्छा जीवन था।
आ गई ये महामारी कहा से
अब न कोई किसी से मिलता हैं।
समझ नहीं आता मुझे अब
क्या जीवन अब ऐसा होगा।
न मिलेगा कोई किसी से
न खेलेंगे बच्चे यहाँ पे।
कितने अच्छे दिन थे जब
सब हँसी ख़ुशी से रहते थे।
जल्दी वो दिन वापिस आ जाये
सब फिर से मिलकर खुशियां बाटे।
यही सोच रहा हूँ मैं की
फिर से वो दिन जल्दी आ जाये।