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Dipesh Kumar

Tragedy

4.7  

Dipesh Kumar

Tragedy

प्रकृति अनमोल हैं

प्रकृति अनमोल हैं

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सृष्टि की अनमोल धरोहर,

प्रकृति जिसे कहते हैं हम।

खत्म हो रही हैं धीरे धीरे,

रूप और सुंदरता हर पल।


समझ नहीं आता इस मनुष्य को,

कर रहा हैं बर्बाद सब कुछ।

पैसे कमाने के लिए,

काट रहा हैं ये धरोहर।


वक़्त रहते संभल जा,

नहीं तो जल्द पछतायेगा।

संभाल ले सब कुछ अब भी,

नहीं तो सब खत्म हो जायेगा।



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