जब चाँद को देखता हूँ
जब चाँद को देखता हूँ
अक्सर जब खुश होता हूँ
बस चाँद को देखता हूँ
और जब दुखी होता हूँ
बस चाँद को देखता हूँ !
जब भी देखता हूँ चाँद को
खुश होकर एक हस मुख
चेहरा नज़र आता हैं!
और जब दुखी मन से देखता
तो उदास चेहरा नज़र आता हैं
बस में यही सोचता हूँ अक्सर
कही चाँद मैं आइना तो नहीं
क्यों बन जाता हैं चेहरा
मेरा मन होता हैं वैसा
यही सोचता हूँ अक्सर
जब चाँद को देखता हूँ !