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Gurudeen Verma

Thriller

4  

Gurudeen Verma

Thriller

फिर भी मोहब्बत के दीवाने

फिर भी मोहब्बत के दीवाने

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उसूलों के खातिर लोग, इनके आशियां जलाते हैं।

फिर भी मोहब्बत के दीवाने, चिराग अपनी जलाते हैं।।

उसूलों के खातिर लोग-----------------------।।


मंजूर नहीं होती है कभी, इनके दिलों की फरियाद।

अपनी राहों में दीवाने, कितनी मुसीबत उठाते हैं।।

उसूलों के खातिर लोग----------------------।।


देते हैं वास्ता इनको, लोग रस्मों - रिवाजों का ।

कैद जंजीरों में करके, इनको बेड़ियां पहनाते हैं।।

उसूलों के खातिर लोग--------------------।।


रहम नहीं आता इन पर, करते हैं जुल्म इन पर लोग।

पसंद इनकी पूछे बिना लोग, यहाँ जोड़ियां बनाते हैं ।।

उसूलों के खातिर लोग---------------------।।


प्यार पर इस तरहां कभी, लग नहीं सकता कोई पहरा।

इससे तो बढ़ता है प्यार ज्यादा, क्यों इन्हें सताते हैं।।

उसूलों के खातिर लोग---------------------।।


प्यार मिट नहीं सकता कभी, खुदा भी है इसका प्यासा।

रहे आबाद वतन की मोहब्बत, पैगाम हम यह सुनाते हैं।।

उसूलों के खातिर लोग---------------------।।



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